बेहद शक्तिशाली सूर्य भगवान मंत्र:
इस लेख में आपको भगवान सूर्य का वो शक्तिशाली मंत्र बताएँगे जो आपने अभी तक सुना नहीं होगा इस मंत्र का अनुष्ठान कर के आप जो चाहो वो प्राप्त कर सकते हैं।
इस मंत्र का प्रयोग सबसे पहले धूमन जी किया, इस मंत्र की बड़ी महिमा है, जिसको धन की चाह हो या संकट निवित्री की चाह हो, अगर इस मंत्र की कोई चाह ना कर भगवान सूर्य के सामने इस मंत्र को पढ़े तो, उसके घर में कभी दरिद्रता नहीं आ सकती है और ना ही अन्ना की कमी हो सकती है.
अगर कोई संकल्प करता है कि मुझे धन प्राप्त हो जाए या संकट से मुक्ति मिल जाए तो निश्चित ही उसकी सारे मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। और वो जो चाहेगा जैसे कि पुत्र धन, स्त्री रतन और भी जो समग्री, स्मृति, धैर्य, उत्तम बुद्धि ये सब कुछ प्राप्त हो जाएगा।
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सूर्य मंत्र का जाप करने का सही नियम
इस मंत्र का जाप करने के लिए आपको सूर्य उदय से पहले उठ कर नित्य क्रिया कर के, स्नान आदि कर के, तांबे के लोटे में जल भर कर उसमें गुड़ डाल कर, तिलक आदि लगा कर भगवान सूर्य को जल अर्पित कर और हाथ जोड़ कर भगवान सूर्य के सामने इस मंत्र का गायन करें।
सूर्य मंत्र: इसमें भगवान सूर्य के 108 नाम हैं.
- आदित्य
- भास्कर
- सूर्यनारायण
- रवि
- सविता
- खग
- पूषण
- विवस्वान
- मित्र
- आर्यम
- भानु
- तापन
- भास्कर
- रविंद्र
- सूर्यपुत्र
- प्रभाकर
- दिवाकर
- हिरण्यगर्भ
- सूर्यप्रिय
- विष्णु
- रुद्र
- अर्क
- सवित्र
- प्रत्युष
- सूर्य
- वह्निज
- किरण
- रोजाश्य
- श्वेत
- दयानिधि
- वासुदेव
- पुष्ट
- सूर्येंद्र
- सूर्यदेव
- सूर्यसिद्ध
- आदित्यनाथ
- कापर्दिन
- अमृतेश्वर
- सूर्यशक्ति
- छायापुत्र
- चंद्रसूर्य
- विविध
- ताप
- प्रत्युष
- अज्ञान
- चंद्र
- सनातन
- तेजस्वी
- रघुनंदन
- मृत्युञ्जय
- वसुंधरा
- ज्योतिरेश्वर
- अज
- कौशिक
- अपशविता
- ब्राह्मणस्पति
- सूर्यसखा
- भानुप्रभा
- ज्वलंत
- वसु
- विभावसु
- अरिष्टनेमि
- तपस्वी
- धर्मराज
- कश्यप
- अग्निेश्वर
- शक्तिमय
- सूर्यवर्चस्वी
- सूर्यवर्ष
- लक्ष्मीपति
- जगन्नाथ
- सूर्ययज्ञ
- महादेव
- भद्र
- त्रिनयन
- तेजस्विनी
- विष्णुप्रिया
- सुरभ
- भीमसेन
- कवित्वदी
- सूर्यलोकपति
- ब्रह्मेन्द्र
- पुराणेश्वर
- महाशक्तिमय
- राजेंद्र
- अक्षय
- त्रिकेश
- शुभम
- हिरण्यमय
- चैतन्य
- सत्य
- जगद्गुरु
- वेणु
- भार्गव
- मुनिंद्र
- परमपुरुष
- योगेश्वर
- राजगुरु
- दक्षिणामूर्ति
- आदित्यवंशी
- विश्वदेव
- सूर्वाश्विनी
- पुरुषोत्तम
- विश्वजीत
- इन्द्र
- लोकगुरु
- अर्जुनाशर्मा
- कृष्णशक्ति