Kumbh mela kahan kahan lagta hai | कुंभ मेला कहाँ-कहाँ लगता है?

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कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा मेला है, जो भारत के चार पवित्र स्थलों पर लगता है। ये पवित्र स्थल हरिद्वार, नासिक, प्रयागराज और उज्जैन हैं।

यह कुंभ मेला हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर, उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर, नासिक में गोदावरी नदी के तट पर और प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर आयोजित होता है।

कुंभ मेला प्रत्येक स्थान पर 12 वर्ष के अंतराल पर आयोजित किया जाता है, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु स्नान करने के लिए आते हैं। इस मेले में हिमालय की कंदराओं और दूर-दराज के जंगलों से साधु-संत भी आते हैं। आस्था और भक्ति का ऐसा रूप शायद ही दुनिया में कहीं और देखने को मिलता हो।

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कुंभ मेले में जाने से क्या लाभ होता है?

वेदों और पुराणों में लिखा गया है कि सहस्रों अश्वमेध यज्ञ का जो फल मिलता है, वह केवल कुंभ में जाकर गंगा स्नान करने से प्राप्त हो जाता है।

उससे भी अधिक यदि आप वाजपेय यज्ञ करते हैं और 1 लाख बार पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं, तो जो फल मिलता है, उतना ही फल कुंभ में गंगा स्नान करने और वहां पर गरीबों को 1 महीने तक भोजन कराने व दान-पुण्य करने से प्राप्त होता है। इसे कल्पवास करने का फल भी कहा जाता है।

कुंभ क्यों लगता है?

शास्त्रों, वेदों और पुराणों में बताया गया है कि जब समुद्र मंथन हुआ, तो उस मंथन से अमृत निकला। उस अमृत को पाने के लिए देवताओं और असुरों के बीच संग्राम हुआ। इस देव-असुर संग्राम में छीना-झपटी के दौरान उस अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिरीं। ये बूंदें प्रयागराज, नासिक, उज्जैन और हरिद्वार में गिरीं, इसलिए इन स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन होने लगा।

ऐसा कहा जाता है कि हर 12 वर्ष में वह अमृत प्रकट होता है, इसलिए 12 वर्षों के अंतराल पर दिव्य कुंभ का आयोजन किया जाता है।

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प्रश्न और उत्तर (FAQs):

प्रश्न 1: कुंभ मेला कहाँ-कहाँ लगता है?
उत्तर: कुंभ मेला इन चार पवित्र स्थानों पर लगता है – हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक।

प्रश्न 2: कुंभ मेला कितने वर्षों के बाद लगता है?
उत्तर: कुंभ मेला हर 12 वर्षों पर आयोजित होता है।

प्रश्न 3: कुंभ मेले में गंगा स्नान का क्या महत्व है?
उत्तर: कुंभ मेले में गंगा स्नान करने से यज्ञ और दान-पुण्य करने के बराबर फल मिलता है।

प्रश्न 4: कुंभ मेले की शुरुआत कैसे हुई?
उत्तर: कुंभ मेले की शुरुआत समुद्र मंथन से प्राप्त अमृत की बूंदों के पृथ्वी पर गिरने के बाद हुई।

प्रश्न 5: कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की संख्या कितनी होती है?
उत्तर: कुंभ मेले में करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं।