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आज हम आपको बताएंगे कि कैसे ट्रंप को बहुत बड़ा झटका लगा। असल में, अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर शुरू हो गया है। अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आने वाले उत्पादों पर जब 10% टैरिफ लगाया, तो चीन ने भी पलटवार करते हुए अमेरिकी उत्पादों पर 10 से 15% टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी। इसके कारण अमेरिका और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है।

अब इस टैरिफ को लेकर अमेरिका और चीन के बीच बातचीत होगी, लेकिन अगर डोनाल्ड ट्रंप अन्य देशों जैसे चीन, मैक्सिको, कनाडा और अन्य देशों पर टैरिफ बढ़ा देते हैं, तो इसका सीधा फायदा भारत को मिलेगा। इससे भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ सकती है, जो भारत के लिए एक बड़ी आर्थिक अवसर होगी।

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क्या अमेरिका के इस टैरिफ वॉर में अगला नंबर भारत का है?

हालांकि, अभी तक ट्रंप ने सीधे तौर पर भारत का नाम नहीं लिया है, लेकिन पहले भी वे कई बार BRICS देशों पर उच्च टैरिफ लगाने की धमकी दे चुके हैं। चीन की तरह ही भारत और ब्राजील जैसे देश BRICS का हिस्सा हैं। ट्रंप का कहना है कि अगर BRICS देशों ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार से डॉलर को हटाने की कोशिश की, तो वे इन पर 1000% टैरिफ लगा देंगे।

ट्रंप भारत की ओर से अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैरिफ लगाने की शिकायत भी कर चुके हैं। वहीं, अमेरिका को जिन देशों के साथ व्यापार में सबसे अधिक घाटा होता है, उनमें भारत 9वें स्थान पर है। 2024 में अमेरिका के व्यापार घाटे में भारत की हिस्सेदारी करीब 3.2% थी, और अमेरिका को भारत के साथ व्यापार में 3.5 लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ। ऐसे में भारत पर भी अमेरिकी टैरिफ बढ़ने का खतरा बना हुआ है।

ट्रंप के शासन में भारतीय प्रवासियों की मुश्किलें बढ़ेंगी (जन्मसिद्ध नागरिकता खत्म)

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से पूरी दुनिया पर प्रभाव पड़ेगा, खासकर भारत पर। ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही कई कार्यकारी आदेश (Executive Orders) पारित किए हैं, जो भारत के लिए चिंता का विषय हो सकते हैं।

इन आदेशों में सबसे बड़ा झटका उन भारतीयों को लगा है जो अमेरिका में प्रवासी के रूप में रह रहे हैं। अमेरिका में भारतीय प्रवासियों की संख्या काफी अधिक है, और ट्रंप के नए कानूनों से उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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अमेरिका की जन्मसिद्ध नागरिकता (Birthright Citizenship) नीति के तहत, यदि किसी प्रवासी के यहां बच्चा जन्म लेता है, तो उसे स्वचालित रूप से अमेरिकी नागरिकता मिल जाती थी। लेकिन अब ट्रंप इस नीति को खत्म करने की योजना बना रहे हैं। अगर ऐसा होता है, तो अब किसी प्रवासी के बच्चे को अमेरिकी नागरिकता पाने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा।

आगे क्या होगा?

अमेरिका और चीन के बीच इस व्यापार युद्ध का असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। भारत के लिए यह एक अवसर भी हो सकता है और खतरा भी। साथ ही, ट्रंप की नीतियां भारतीय प्रवासियों के लिए चुनौतियां खड़ी कर सकती हैं। अब यह देखना होगा कि अमेरिका अपनी नीतियों में क्या बदलाव करता है और भारत इस स्थिति से कैसे निपटता है।

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